मसानी मेलडी साधना present
साधना :- (3)
🔱💀🔱 मसानी मेलडी महामंत्र ! सिर्फ याद करलो कार्य पलक झपकते होगा ! 🔱💀🔱
साधना करने से पहले रक्षा मंत्र जरूर पड़े और चाकू से घेरा लगाले मंत्र और विधि इस वीडियो मे बताया हैँ जरूर देखे link यहाँ दे रहा हु जय माँ मसानी मेलडी !
रक्षा मंत्र, घर की रक्षा के लिए मंत्र :-
साधना :- (3)
🔱💀🔱 मसानी मेलडी महामंत्र ! सिर्फ याद करलो कार्य पलक झपकते होगा ! 🔱💀🔱
साधना करने से पहले रक्षा मंत्र जरूर पड़े और चाकू से घेरा लगाले मंत्र और विधि इस वीडियो मे बताया हैँ जरूर देखे link यहाँ दे रहा हु जय माँ मसानी मेलडी !
रक्षा मंत्र, घर की रक्षा के लिए मंत्र :-
मंत्र :-
सतनमो आदेश।श्री नाथजी गुरुजी को आदेश।ॐ गुरुजी मेलड़ी माई को कौन कौन ध्याया।उज्जैन का राजा विक्रमादित्य परमार ध्याया और कामरू देश का इस्माईल योगी ध्याया।आदिशक्ति मेलड़ी माई आई।हाथ तस्बी त्रिशूल तलवार,पीरानी जंजीर लेके आई।हुँकारती आई।गाजती आई।घोरती आई।दहाड़ती आई।अट्टहास करती आई।किलकारी करती आई।साथ में लंकेश्वरी हनुमान आया।सवामण की गदा और वज्जर कि जंजीर लाया।साथ में सुलेमान पीर तिलिस्मी जंजीर वाला।गढ़ गजनी का मुहम्मद वीर आगे आया।आगे कौन कौन वीर चलें।गणेश वीर चलें।काल भैरव वीर चलें।वीरभद्र वीर चलें।शाहतुर परी बांये अंग,दांयीने अंग सुल्तान परी।संग पुरबाई परी आई पाँख वाली।बाँध बाँध।हाथों में हथकड़ी।पैरों में बेड़ी बाँध।पीरानी जंजीर से बाँध।देव बाँध,भूत बाँध,प्रेतराज बाँध,डेल डाकण चुड़ैल बाँध।जिन्न खवीस मामा बाँध।मुगल पीर पठान सैय्यद को बाँध।जापड़ी जापड़ा को बाँध।वीर बन्तरा को बाँध।नूरिया मसाण को बांध।और कि चौकी उखाड़ती जा।अपनी चौकी बैठाती जा।गढ़े धन को दिखाती जा।चोर डाकू हत्यारे को बताती जा।हमारा इतना काम मेलड़ी माई करें।मदद करो मेलड़ी माई।रक्षा करो मेलड़ी माई।इतना सुन कर मेलड़ी माई हमारें शब्द को न मानें।तो पिता महादेव जी की जटा उखाड़ खून में स्नान करें।माता गौरां पार्वती का चीर फाड़ कांचली करें।अपने वाचा से पीछी फिरो तो लोना चमारी की नाद आसो मेहतरानी के नरक कुण्ड में पड़े।चल चल मेलड़ी माई।नहीं चले तो तीन लाख तैतीस हजार वीर पैग़म्बरों की करोड़ करोड़ दुहाई।मेलड़ी माई चल तो सही।इतना मेलड़ी माई मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया।शून्य की गादी बैठ राजा भृतहरि नाथ जी ने आपो आप सुनाया।श्री नाथजी गुरुजी को आदेश।आदेश।आदेश।
विधि :-
जैसे पूजा करते हैँ वैसे ही पूजा करके मंत्र जाप करना हैँ अपने सामर्थ अनुसार. 108 बार ya फिर 11बार, 21 बार, 41बार, सकल्प लेके जाप करें.. धूप अगरबत्ती जलाये.
/पूरा अनुष्ठान 41दिन का होता हैँ वो गुप्त हैँ यहाँ नहीं बता सकता.
भोग मे सुखड़ी, सवासेर का खिचड़ा और मिठाई.
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